शायद आप नहीं जानते होंगे लेकिन महाराष्ट्र के कई किसानों को नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध करने के लिए लॉन्ग मार्च की लिए लंबी राह तय करनी पड़ी है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के नेता नाणा पटोले की अध्यक्षता में शुरू हुई थी और फिर उन्होंने संघर्ष को नेतृत्व किया। यह संघर्ष बड़े स्थानों पर तकनीकी तौर पर विजय प्राप्त कर चुका है।
आज, हम संगठनित कृषि मार्च की बात कर रहे हैं, जो एक नए चरण में जा रहा है। इस बार के मार्च के दौरान, लंबी दूरी तय करने के बाद दो साथियों ने अपना संघर्ष जारी रखा है। उन्होंने नई कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाया है और किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई की है। इस समस्या का निवारण नहीं मिला तो संगठनित मार्च के बाद भी उनका संघर्ष जारी रहेगा।
दो साथियों ने इस मार्च में शामिल होने का निर्णय लिया है। वे इस मार्च में शामिल होकर किसानों की मुश्किलों को सुनेंगे और उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढने की कोशिश करेंगे। इस मार्च के दौरान वे बड़े संख्या में किसानों से मिलेंगे और उनकी समस्याओं को बताने की कोशिश करेंगे।
दो साथियों के इस कदम से किसानों की मुश्किलों को बढ़ावा मिलेगा और उनके अधिकारों को बचाने की कोशिश की जाएगी। यह संघर्ष जारी रखने का उद्देश्य उनके समस्याओं को हल करना है।
आज दो साथियों ने किसानों से मिलने का निर्णय लिया है जिससे वे किसानों की मुश्किलों को समझ सकें और उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढ सकें।